इसरदा बांध परियोजना के खिलाफ टोंक में किसान उग्र; 21 सूत्रीय मांगों वाला पत्र सचिन पायलट को सौंपा, आंदोलन तेज करने की चेतावनी
टोंक जिले में इसरदा बांध परियोजना को लेकर किसानों का किसान विरोध तेज हो गया है। किसानों ने मंगलवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट को मिला कर 21 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा और कहा कि उनकी जमीन और आजीविका से जुड़े मुद्दों पर सरकार तुरंत संज्ञान ले।
किसानों ने कहा कि इसरदा बांध का वर्तमान स्वरूप उनके लिए नुकसानदेह है और उनकी कई पुरानी मांगें अब तक लंबित चल रही हैं। इस बढ़ते किसान विरोध के बीच क्षेत्र में आंदोलन उग्र होने की आशंका बढ़ गई है।
👉 किसानों की मुख्य मांगें (21 सूत्रों में प्रमुख बिंदु)
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बिना उचित मुआवजे भूमि अधिग्रहण पर रोक
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विस्थापित किसानों के लिए पुनर्वास पैकेज
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सिंचाई के लिए निश्चित जल आवंटन
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बांध के निर्माण से प्रभावित गांवों की सूची अपडेट
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प्रभावित परिवारों को रोजगार
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परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव की पुनः समीक्षा
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किसानों के लिए अलग grievance cell
किसानों ने कहा कि जब तक सरकार सभी मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती, किसान विरोध और तेज किया जाएगा।
👉 पायलट का जवाब
सचिन पायलट ने किसानों की बात ध्यान से सुनी और आश्वासन दिया कि उनकी मांगें संबंधित विभागों और सरकार तक तुरंत पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसान हित सर्वोच्च है और किसी भी परियोजना में किसानों को नुकसान नहीं होना चाहिए।
👉 प्रशासन पर किसानों का आरोप
किसानों का कहना है कि पिछली बैठकों में किए गए कई वादे पूरे नहीं हुए और प्रशासनिक लापरवाही से स्थितियाँ बिगड़ी हैं।
👉 आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने साफ कहा कि यदि 21 सूत्रीय मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इसरदा बांध के खिलाफ बड़ा जनआंदोलन करेंगे।
Author: Umesh Kumar
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