कमजोर पड़ा दित्वाह, श्रीलंका में फंसे भारतीय सुरक्षित लौटे
दित्वाह संकट के कमजोर पड़ते ही श्रीलंका में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। समुद्री तूफान के प्रभाव के कारण पिछले तीन दिनों से श्रीलंका के तटवर्ती इलाकों में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने का काम लगातार चुनौतीपूर्ण बना हुआ था, लेकिन मौसम में सुधार और समुद्र के शांत होने के बाद अंतिम बेड़ा भी सुरक्षित भारत पहुंच गया।
👉 दित्वाह की रफ्तार कम होने से बचाव अभियान को मिली रफ्तार
मौसम विभाग के अनुसार दित्वाह तूफान की गति लगातार कम हो रही है। पहले जहां हवाओं की रफ्तार 90–110 किमी/घंटा के बीच थी, वहीं अब यह सामान्य स्तर पर आ चुकी है। समुद्री लहरों की ऊंचाई में कमी आने के बाद भारतीय नेवी और श्रीलंका की नौसेना द्वारा संयुक्त बचाव अभियान को तेज किया गया।
👉 भारतीय दूतावास और श्रीलंकाई प्रशासन का समन्वित ऑपरेशन
फंसे हुए भारतीयों में पर्यटक, कामगार और मछुआरे शामिल थे। भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका सरकार से मिलकर एक तेज राहत तंत्र तैयार किया।
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पहले चरण में तटीय इलाकों में फंसे नागरिकों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया।
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दूसरे चरण में मेडिकल टीमों ने प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की।
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तीसरे चरण में नेवी के जहाजों के माध्यम से बैच बनाकर नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया गया।
अधिकारियों के अनुसार किसी भी भारतीय के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है, जो राहत देने वाली बात है।
👉 अंतिम बेड़ा भी पहुंचा भारत, सभी नागरिक सुरक्षित
आज सुबह जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि आखिरी बेड़ा भी भारत पहुंच चुका है। इन नागरिकों को भोजन, पानी और मेडिकल सपोर्ट प्रदान किया गया। परिवारों को भी सूचना दे दी गई है कि सभी लोग सुरक्षित हैं।
👉 केंद्र सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी
तूफान की तीव्रता भले ही अब कम हो गई हो, लेकिन सरकार ने अभी भी तटवर्ती इलाकों में सावधानी बरतने की सलाह जारी की है।
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मछुआरों को अगले 24 घंटे समुद्र में न जाने की चेतावनी।
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पर्यटन नावों को फिलहाल रोका गया है।
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समुद्र के पास रहने वालों को मौसम अपडेट पर लगातार नजर रखने को कहा गया है।
👉 लोगों ने राहत अभियान को सराहा
वापस लौटे भारतीयों ने भारतीय नेवी और श्रीलंका प्रशासन के काम को सराहा। उनका कहना है कि बचाव दल लगातार संपर्क में रहा और हर जरूरत का ख्याल रखा।
Author: Umesh Kumar
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