झज्जर. हरियाणा के झज्जर जिले के खरहर गांव के बेटे शिवांश ने एक बार फिर से कमाल कर दिया. दूसरे प्रयास में एसडीएम (SDM) बनने वाले शिवांश ने इस बार ऑल इंडिया में 63 वां रैंक हासिल कर आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर लिया. शिवांश बहादुरगढ़ के सेक्टर 6 में अपने माता-पिता और बहन के साथ रहता है. शिवांश ने 9 साल की उम्र से ही आईएएस (IAS Officer) बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था. वह हर रोज 10 घंटे तक पढ़ाई करता था. पढ़ाई से जब थक जाता था तो व्यायाम के साथ शिव तांडव स्त्रोतम का पाठ किया करता.
शिवांश ने बताया कि शिव तांडव स्त्रोतम के पाठ से उसे ऊर्जा मिलती थी. शिवांश का कहना है कि सही दिशा में लग्न से मेहनत करने से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. शिवांश का कहना है कि आईएएस बनकर वो विकसित भारत के सपने को पूरा करने में अपना योगदान देना चाहता है.
पिता जाना चाहते थे, लेकिन नहीं कर पाए
शिवांश के पिता रविन्द्र राठी भी सिविल सर्विस में जाना चाहते थे. हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा भी पास कर ली थी, लेकिन राजनीतिक चक्करों के चलते वो भर्ती पूरी नही हो पाई. शिवांश की माता डॉ. सुदेश राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रौफेसर हैं. माता-पिता अपने बेटे की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि जब भी शिवांश मायूस होता था तो वो उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे. उन्होंने कहा कि शिवांश ने अपने बचपन का सपना पूरा किया है और उन्हे यकीन है कि देश के विकास में शिवांश का अहम योगदान रहेगा. शिवांश भक्तिभाव से परिर्पूण रहता है.

घर का नाम रखा है शिवालय
यूपीएससी का परिणाम आने से पहले भी वो मंदिर में बैठकर पूजा कर रहा था. शिवांश सेक्टर 6 के जिस घर में रहता है, उसका नाम शिवालय है और छोटी बहन का नाम शिवांगी है. शिवांश की छोटी बहन भी यूपीएससी की तैयारी कर रही है. शिवांश ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं से कहा है कि उन्हे नियमित तौर पर लग्न लगाकर पढ़ाई करने की जरूरत है.
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FIRST PUBLISHED : April 17, 2024, 12:51 IST
