नीरजा मोदी स्कूल हादसा: छात्रा की चौथी मंजिल से मौत

नीरजा मोदी स्कूल हादसा: चौथी मंजिल से कूदकर 9 साल की छात्रा की मौत, CCTV फुटेज से आत्महत्या की आशंका

जयपुर, 3 नवंबर 2025:
राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार को घटा नीरजा मोदी स्कूल हादसा पूरे शहर को स्तब्ध कर गया। नीरजा मोदी स्कूल की 9 साल की छात्रा ने स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। यह हादसा इतना अचानक हुआ कि देखने वालों की सांसें थम गईं। CCTV फुटेज में जो दृश्य सामने आए, उन्होंने घटना को और भी विचलित करने वाला बना दिया।

📹 कैसे हुआ नीरजा मोदी स्कूल हादसा?

जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह कक्षा चल रही थी जब लंच ब्रेक से कुछ समय पहले यह दुखद घटना हुई। छात्रा स्कूल की चौथी मंजिल पर पहुंची और कुछ क्षण रेलिंग के पास खड़ी रही। CCTV कैमरे में रिकॉर्ड फुटेज में साफ दिखता है कि उसने कुछ सोचकर रेलिंग पर चढ़ाई की और नीचे कूद गई। यह पूरा घटनाक्रम महज कुछ सेकंड का था।

हादसे के तुरंत बाद शिक्षकों और स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। छात्रा को घायल अवस्था में तुरंत पास के निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।

🏫 परिजनों का आरोप — स्कूल प्रशासन ने सबूत मिटाने की कोशिश की

नीरजा मोदी स्कूल हादसा के बाद मृतक छात्रा के परिजन गुस्से में स्कूल पहुंचे। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने घटना के बाद घटनास्थल को धो दिया, जिससे सबूत मिटाने की कोशिश की गई।

परिजनों ने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उनका आरोप है कि छात्रा मानसिक रूप से परेशान नहीं थी, और यह हादसा लापरवाही का परिणाम है।

⚖️ पुलिस जांच में जुटी, CCTV फुटेज बना अहम सबूत

जयपुर पुलिस ने नीरजा मोदी स्कूल हादसा को गंभीरता से लेते हुए स्कूल प्रशासन, शिक्षकों और सहपाठियों से पूछताछ शुरू की है। पुलिस के अनुसार, CCTV फुटेज प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या की आशंका दर्शाता है, लेकिन अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।

पुलिस ने स्कूल के सभी कैमरों की रिकॉर्डिंग जब्त कर ली है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जांच अधिकारी ने बताया कि यह पता लगाया जाएगा कि छात्रा को किसी ने मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान तो नहीं किया था।

🧒 9 साल की उम्र में आत्महत्या का सवाल — मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा संकेत

नीरजा मोदी स्कूल हादसा केवल एक स्कूल घटना नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरी चोट है। सवाल उठता है कि इतनी कम उम्र की बच्ची को ऐसा कदम उठाने की जरूरत क्यों महसूस हुई? क्या वह किसी डर, दबाव या उत्पीड़न का शिकार थी?

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि आज के समय में बच्चों पर शैक्षणिक दबाव और सामाजिक तुलना का असर गहराई से पड़ रहा है। माता-पिता और स्कूल प्रशासन को बच्चों के व्यवहार में आने वाले छोटे बदलावों को भी गंभीरता से लेना चाहिए।

👮 स्कूल प्रशासन की सफाई

नीरजा मोदी स्कूल प्रशासन ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और स्कूल ने तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि “हम छात्रा के परिवार के साथ खड़े हैं और जांच में हर संभव सहयोग करेंगे।”

हालांकि, परिजनों ने स्कूल की इस सफाई को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह बयान “सच्चाई छिपाने का प्रयास” है।

⚠️ सोशल मीडिया पर आक्रोश

नीरजा मोदी स्कूल हादसा के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर #NeerjaModiSchool और #JusticeForStudent ट्रेंड करने लगा। लोगों ने शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की।

कई अभिभावकों ने टिप्पणी की कि यदि स्कूल में सुरक्षा कर्मियों की निगरानी और उचित रेलिंग होती, तो यह दर्दनाक हादसा नहीं होता।

🧾 जांच की दिशा और आगे की कार्रवाई

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या छात्रा किसी शिक्षक या सहपाठी के व्यवहार से परेशान थी। इस संबंध में उसके दोस्तों से भी पूछताछ की जा रही है। मोबाइल रिकॉर्ड और नोटबुक्स को भी सबूत के तौर पर लिया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि घटना से पहले उसने कुछ लिखा या किसी से बातचीत की थी या नहीं।

राजस्थान बाल अधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और स्कूल से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि इतनी उम्र में आत्महत्या का मामला बेहद चिंताजनक है और यदि लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


📌 निष्कर्ष

नीरजा मोदी स्कूल हादसा न केवल एक बच्ची की असमय मौत की कहानी है, बल्कि यह समाज, शिक्षा व्यवस्था और प्रशासन के लिए गहरा सबक है। इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा और भावनात्मक देखभाल कितनी जरूरी है।

अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सच्चाई सामने आती है और क्या इस दर्दनाक हादसे के दोषियों को न्याय मिल पाता है या नहीं।

Umesh Kumar
Author: Umesh Kumar

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