पीएचसी का कर्मी जहर परोसने के बदले लेता है सुविधा शुल्क
ठेलों पर मिलने वाले जूस को यदि आप पी रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि यहां जूस के नाम पर जहर पिलाया जा रहा है। ऐसे मिलावटी जूस को लगातार पीने से आप न सिर्फ कैंसर जैसी खतरनाक भयानक बीमारयों से ग्रस्त हो सकते हैं, बल्कि जान भी खतरे में पड़ सकती है।
मेले में मिलावटी खाद्य पदार्थ धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं।बढ़ती महंगाई में किसी भी सामान के लिए जनता को ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं। ऐसे में अगर, लोगों को सही और शुद्ध सामान नहीं मिले तो उसकी मेहनत की कमाई तो बर्बाद होती है। सेहत के साथ भी खिलवाड़ होता है, वह अलग। ऐसे जूस का लगातार सेवन करने से कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारी से पीड़ित हो सकते, अनेक ठेले वाले फलों के जूस को मीठा करने के लिए सैकरीन मिलाते हैं। सैकरीन चीनी की तरह होता है। इसलिए ग्राहकों को पता नहीं चल पाता कि दुकानदार जूस को मीठा करने के लिए चीनी मिला रहे या सैकरीन। वहीं मेले में खाने का मिलावटी सामान ही नहीं कैमिकल युक्त आइसक्रीम व जूस भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा हैं।
इन मिलावटखोरों के साथ एक पीएचसी के मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर की मिली भगत सामने आई है।
जो इस धंधे को निर्विरोध रूप से चलाने की एवज में प्रत्येक ठेला संचालक से हजार रुपए की बंधी लेता है। यह आरोप ठेला संचालक ने कैमरे सामने लगाए है।
मंगलवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप सिसोदिया ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से मंदिर परिसर के आसपास लगी जूस आदि की रेहड़ियों पर छापा मारी कर कई तरह के कैमिकल, यूरिया आदि से जूस तैयार करने भंडाफोड़ किया था। इससे साफ है कि धार्मिक स्थल और मेले में नकली सामान बनाने का धंधा फल-फूल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग त्योहारों के पहले मिठाइयों की दुकान पर छापेमारी कर फर्ज अदायगी कर लेता है। जबकि, खाद्य सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया है।
